• Mon. Dec 23rd, 2024

Shabd Varsha

Shabd Varsha News

नहीं रहे मगही के प्रख्यात कवि एवं उपन्यासकार बाबूलाल मधुकर, साहित्यकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Author: Ajit Kumar Singh

मगही के जाने-माने कवि एवं उपन्यासकार बाबूलाल मधुकर का रविवार की रात निधन हो गया. ये गंभीर रूप से बीमार थे और लगातार इनका इलाज चल रहा था. दरअसल मूलत: ये बिहार के नालंदा जिला के इस्लामपुर प्रखंड स्थित ढेकवाहा के रहने वाले थे. मगही के प्रथम आंचलिक उपन्यास के रूप में इनकी कृति रमरतिया काफी चर्चित रही. इन्होंने मगही के साथ ही हिन्दी में भी तकरीबन 15 से अधिक काव्य संग्रह, प्रबंध काव्य, उपन्यास और नाटक की रचना की. मधुकर जी के प्रयास से ही बिहार में मगही अकादमी का गठन किया गया था.   

संपूर्ण जीवन पीड़ा पर विजय पाने की रोचक गाथा

मगही साहित्यकार बाबूलाल मधुकर ने एक कवि, कथाकार, उपन्यासकार और नाटककार के रूप में अपनी रचनात्मक कृतियों द्वारा ख्याति अर्जित की. इनका संपूर्ण जीवन पीड़ा पर विजय पाने की साधना की रोचक गाथा है. जिसे इनकी साहित्यिक रचनाओं देखकर समझा जा सकता है. इन्हें कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विविध पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था. इनकी प्रमुख रचनाओं में मगही मेघदूत, रुक्मिणी के पाती, विदुषी मंदोदरी, अंगुरी के दाग, मक्खलि गोसाल, मायका मोर,  कान्हा तुम्हें द्रौपदियां पुकारें, नंदलाल की औपन्यासिक जीवनी और हिन्दी उपन्यास फ़ातिमा दीदी, मसीहा मुस्कुराना आदि का नाम शामिल हैं.

भारती कम्युनिकेशन ट्रस्ट द्वारा शोकसभा का आयोजन

बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य एवं मगही व हिन्दी के यशस्वी साहित्यकार बाबूलाल मधुकर के आकस्मिक निधन पर मंगलवार को पटना में भारती कम्युनिकेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में एक शोकसभा का आयोजन किया गया. जिसमें साहित्यकारों ने उनके साहित्यिक योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस सभा की अध्यक्षता करते हुए हिन्दी साहित्य के जाने-माने वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र कुमार सिंह ने उनकी सादगी, निष्ठा और चर्चित पुस्तकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मधुकर जी के चले जाने से मगही साहित्य जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. इसके साथ ही भारती कम्युनिकेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित शोकसभा में मधुकर जी की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट तक मौन भी रखा गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed